Health Body Science: Fight Between Antigen And Immune System || प्रतिरक्षा प्रणाली का अंतिम चरण || PART-3 – Explained In Hindi
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Fight Between Antigen And Immune System |
तो मान लीजिये कि हमारे शरीर में बैक्टीरिया या वायरस गया तब ये बैक्टीरिया या वायरस हमारे ही शरीर के ऊर्जा से हर 19. 5 और 20 मिनट में दोगुना होने लगता है। और आप को जान कर हैरानी होगी कि हमारे शरीर के हर Blood Stream के 1ML=11,000 से भी ज्यादा मात्रा में Leukocytes घूमते रहते है और जब कभी इसे कुछ अज़ीब लगता है , तो आगे के Process शुरू होता है।Leukocytes Communicate Cell के माध्यम से फ़ौज बुलाने की बात कहता है जिसे हम Immune Response कहते है। जब कई सारे Antigen बन जाते है तब MACROPHAGES नाम का WBC आता है और इस एंटीजन से लड़ता है। और ,ज्यादातर
MACROPHAGES की लड़ाई से ही एंटीजन मर जाता है। लेक़िन , मान लीजिये की अगर एंटीजन बहुत Powerful है तब
MACROPHAGES के कुछ कोशिका MESSENGER PROTEIN की मदत से BACK – UP TEAM मांगता है क्योकि
MACROPHAGES कमजोड़ पड़ने लगता है।
और जिस वज़ह से एंटीजन MACROPHAGES पर भारी पड़ने
लगता है और आगे बढ़ने लगता है। इसीलिए वो मदत मांगता है
जिसे NEUTROPHILS कहते है।और जब NEUTROPHILS आता है तब दोनों मिलकर इस एंटीजन से लड़ते है। NEUTROPHILS और MACROPHAGES दोनों लड़ते है , और इसी समय हमारे Immune System की मदत से Energy मिलती है। जिस वज़ह से हमारा शरीर तपने लगता है जिसे हम बुख़ार कहते है। और ये दोनों लड़ते रहते है जब तक कि इसके Energy ख़त्म ना हो जाये।
चूकी , ज्यादातर मामलों में ये दोनों ही मिलकर एंटीजन को मार
देता है।
लेकिन , मान लीजिये कि अगर वो एंटीजन इस से भी नहीं मरा तो फिर Immune System के सेनापति आता है। जिसे हम DENDRITIC
CELLS कहते है।अब Dendritic Cells इस एंटीजन का मारने के Clue यानी Details लेता है तथा शरीर के उस हिस्से में जाता है जहा T – CELLS होता है और उस जगह को Lymph Nodes कहते
है। इस जगह Dendritic Cells, T – CELLS को सारी Informations देता है जो उस एंटीजन से लाया है। फिर T – CELLS Activate होता है {तथा शरीर के Nucleus में DNA होता है जिसमे हर उस एंटीजन से लड़ने के नुस्के होते है जिस से एंटीजन का अंत हो सके। और जब वह नुस्खा बनता है तब Virus Bound Cells उस एंटीजन को मार देता है। }1000 के तादाद में T – CELLS की Training होती है उस एंटीजन से लड़ने के लिए और जो T – CELLS इस Training में Pass होता है वो अपने आप को दोगुना करने लगता है और जो Fail होता है। वह एंटीजन से नहीं लड़ने जाता है , और करोड़ो के तादाद में से कुछ T – CELLS जो उस एंटीजन से लड़ने जाता है वह MEMORY T – CELLS बन जाते है ताकि Future में Same मेहमान आये तो हम आसानी से हरा सके। अब T – CELLS आगे एंटीजन Site पर जाते है और उसी
रस्ते में एक और हथिआर Factory होता है।
जिसे हम B – CELLS कहते है जिसे सिर्फ उकसाना होता है, बाक़ी
वो अपने संभाल लेता है। फिर B – CELLS अपने आप को करोड़ो में Multiply करने लगता है।
T – CELLS ,B -CELLS के पास
और, क्या आप जानते है कि उस B – CELLS में क्या होता है हथिआर के रूप में ???
जी हां इस में ANTIBODIES का भण्डार होता है जो B – CELLS के Activate होने पर करोड़ो में बनते है।और फिर Finally जीत हमारी होती है। और आखिर में जब सब बैक्टीरिया मर जाते है तो फिर ये सारे ARMY भी USELESS हो जाते है और इसी वजह से ये सब अपने आप को मार लेते है ” जिसे Self Destruct कहते है” , ताकि हमारे शरीर के Energy ये USELESS CELLS USE ना कर सके।अब तो एंटीजन का सफया हो चुका है , और In Future अगर वायरस या बैक्टीरिया आते है तो फिर से नए सिरे से सब Process होते है।लेकिन जब Same वायरस या बैक्टीरिया आते है तो MEMORY T – CELLS ही देख लेता है , उस एंटीजन को।
तो इसी के साथ मैं AINESH KUMAR आप सब से विदा लेता हूँ।और हमारे IMMUNE SYSTEM के ARMY को सलाम करता हूँ। और आज Immune System के सभी Parts को विराम देता हूँ।
HATS OF MY SOLDIERS CELLS !!!
Posted By Ainesh Kumar
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